चालाक चूहा एक जंगल में एक चालाक चूहा रहता था। वह बहुत ही बुद्धिमान था और अपने चतुराई से सभी का मनोयोग जीतता था। उसे जंगल का राजा माना जाता था।

चूहा और शेर

एक दिन जंगल का बाघ चूहे का शिकार करने गया। चूहा ने अपनी चतुराई का प्रयोग कर बाघ को लालच में अकेले अंदर अपने घर में बुलाया। जैसे ही बाघ अंदर घुसा, चूहा ने तुरंत बाघ के साथ दरवाजे को बंद कर दिया। बाघ तो उसी के शिकार में था, अब चूहा उसके शिकार के लिए बाघ से भी तेज़ था।

चूहे का शिकार


अगले दिन, एक चींटी चूहे के पास आई और बताई कि वह राजा के दरबार में नया संगीतकार बनना चाहती है। चूहा ने जानबूझकर उसे बताया कि राजा बहुत ही कठोर है और केवल उन्हें संगीत का गहरा ज्ञान होगा। चूहा ने चींटी को यह बताया कि वह उसे राजा के दरबार में ले जाएगा और उसे संगीत का गहरा ज्ञान दिखाएगा।


चिटी चूहा

चींटी ने चूहे के बताए तरीके से किया और उसे राजा के दरबार में ले गई। राजा जैसे ही चींटी ने अपनी संगीत की उपलब्धि दिखाई, राजा ने उसे अच्छी तरह से संबोधित किया और उसे अपने संगीत संग्रह का निरीक्षण करने के लिए अनुमति दी। चींटी ने अपने संगीत का एक अद्भुत प्रदर्शन किया जिसे सुनते ही राजा को बहुत खुशी मिली। राजा ने चींटी को तुरंत ही नए संगीतकार के रूप में नियुक्त कर दिया।



चूहा ने इस दुर्घटना का फायदा उठाया और चींटी से अनुरोध किया कि राजा को उनके प्रति धन्यवाद का पत्र भेजें। चींटी ने अनुमति दी और चूहे के लिए एक पत्र लिखा। पत्र में लिखा था, "आदरणीय राजा, आपकी अनुमति के लिए धन्यवाद। मै आपको अपनी संगीत की उपलब्धि दिखाने के लिए आभारी हुं। मुझे अपने बुद्धिमान और चतुराई से अपने लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिली। धन्यवाद, चूहा।"



चींटी ने पत्र को राजा को पहुंचाया और राजा ने इस पत्र को पढ़कर चूहे की बुद्धिमानी को देखा। उन्होंने चूहे को अपनी सेवा में रखा और उसे अपने राज्य का सलाहकार बना दिया। चींटी को भी उनके संगीतकार के स्थान पर नियुक्त कर दिया गया।


चूहे ने राज्य के लिए एक नया संगीत तैयार करवाया जो राज्य के लोगों को अधिक जोड़ने में मदद करेगा। वह उस संगीत का एक अद्भुत प्रदर्शन कराने का निर्देश दिया। चींटी ने उस संगीत का संग्रह किया और इस संगीत के दम पर, चूहे ने राज्य को एक सुख और समृद्ध राज्य बनाने के लिए काम किया।



चूहे के प्रबंधन में, राज्य के लोगों के बीच जोड़ बंदी बढ़ी और वे सभी एक साथ मिलकर काम करने लगे। वह लोगों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए बाहरी राज्यों से भी कलाकारों को बुलाते थे ताकि लोगों को नई सोच की स्थापना हो सके।


चूहे ने उस समय के जीवनशैली के लिए अनुकूल रूप से राज्य का प्रबंधन किया और इससे वह राजा बना दिखाई देता था। वह समय-समय पर अपने नागरिकों के साथ बैठकें बुलाता था ताकि वह उनकी समस्याओं को समझ सके और उन्हें समाधान के लिए उनकी मदद कर सके। इस तरह से चूहे ने राज्य को अधिक समृद्ध और स्थिर बनाया और उसे एक उदाहरणीय स्थान पर लाने में सफल हुआ।


एक दिन, चूहे ने अपनी प्रजा के साथ एक बड़ी बैठक की। उस बैठक में वह अपने लोगों से पूछता था कि उन्हें राज्य में क्या बदलाव देखना चाहिए। एक से एक सभी लोग अपने _ अपने विचार बताते गए।


अचानक, एक वृद्ध व्यक्ति ने उसे बोलते हुए कहा, "राजा जी, हमारे यहां संसार की सबसे अच्छी मिठाई नहीं मिलती। बाहर की मिठाई हमें कम उचित मूल्य में मिलती है। हमें अपने राज्य में अच्छी मिठाई मिलनी चाहिए।"


चूहा ने यह सुनते ही सोचा कि यह एक अच्छा उपाय हो सकता है जो उसके लोगों को संतुष्ट करेगा। उसने सोचा कि यदि वह अपने राज्य में अच्छी मिठाई उत्पादित करवाता है तो उसके लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उन्हें बाहर के देशों से मिठाई लाने की जरूरत नहीं पड़ी और चूहा अपनी चालाकी और बुद्धिमत्ता से राज्य को समृद्ध और स्थिर बनाया। वह अपने लोगों की सुविधा के लिए निरंतर प्रयास करता रहा। इस तरह से चूहे ने अपने क्षेत्र में न केवल अपने लोगों की आर्थिक स्थिति को सुधारा, बल्कि उसने एक उत्कृष्ट नेतृत्व उदाहरण भी प्रस्तुत किया। उसकी सोच और कार्यशैली सभी के लिए एक मोटिवेशन और उदाहरण है।



Moral -: इस कहानी से हमें यह सबक मिलता है कि निरंतर प्रयास करने से हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफलता मिलती है। चूहा ने समस्याओं के समाधान के लिए नए उपाय ढूंढने के लिए अपनी सोच और बुद्धिमत्ता का उपयोग किया। वह इस बात से संदेह नहीं करता था कि जो भी समस्या हो, उसका समाधान उसके पास मौजूद हो सकता है।



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